कदम तो बढ़ा,
राह को राही का इंतजार है |
बाट जोह रही तेरी उपलब्धियां,
उसे तेरा ही इंतजार है|
कदम के फासले पे मिलता है सबकुछ,
बस तू यूँ ही कदम बढाये जा|
गम के साये में भी,
खुशी के गीत गए जा|
जो भी मिला- जैसा मिला,
वो है काम का- ये तू मान ले |
समय साबित कर दिखायेगा ये,
ये तू जान ले- ये तू जान ले |
मिले तिरिस्कार या मिले सम्मान,
हर इक की कीमत होती है|
तुझे तुझसे मिलाने के - हैं साजो- सामान ये,
ये तू जान ले- ये तू जान ले|
थक - हार् कर, न तू बैठना,
तिरिस्क्रित होकर, न तू मुहं मोड़ना|
तेरी उपलब्धियों के, नजदीक होने के,
निशाँ है ये, ये तू जान ले|
चल उठ खड़ा हो दुने जोश से,
और बढ़ा तू इक कदम पुरे होश से|
पा जाएगा, मिल जाएगा, तुझे तेरी उपलब्धियां,
ये तू मान ले - ये तू मान ले |
कदम तो बढ़ा,
राह को राही का इंतजार है|
बाट जोह रही तेरी उपलब्धियां,
उसे तेरा ही इंतजार है|
ये पंक्तियाँ हर इक के लिए है, सबसे पहले मैं ये मानता हूँ कि
कोई भी, कभी भी असफल हो ही नहीं सकता|
जहाँ आपको जाना है 'नियति' को पता है आपको वहीं पे ले जाकर छोडेगी ये,
लेकिन शर्त है कि आपको कदम बढ़ाना होगा|
बिना कर्म-योग के कुछ भी फलित नहीं होता|
हमें कार्य - कारणवाद के सिधांत को समझना चाहिए|
...कुंवर...
बहुत सकारात्मक रचना .. सहमत हूं आपसे .. कदम तो बढाना ही होगा .. तभी तो उपलब्धियां मिल सकती हैं।
जवाब देंहटाएंसच कहा आप ने ......
जवाब देंहटाएंगर दिल में है होसला तो ....
मंज़िल अब दूर नही है .
तू कदम तो उठा .....
तेरे पीछे लोगो काम नही है .
तेरे कलाम में ही वो बात है ...
वरना दुनिया में कागज काम नही है .
motivating :)
हटाएंHosla aafjai ke liye aap sab ko Dhanyvad...
जवाब देंहटाएंकदम तो बढ़ा,
जवाब देंहटाएंराह को राही का इंतजार है |
बाट जोह रही तेरी उपलब्धियां,
उसे तेरा ही इंतजार है|
बहुत ही प्रेरणा दायक पंक्तिया....