बाबुल हो तुम ,
मेरे ह्रदय -गांव की।
जीवन की नई पारी,
मुबारक हो तुम्हें।
मिले हैं जो लोग ,
मुबारक हो तुम्हें।
बाबुल हो तुम,
मेरे ह्रदय - गांव की।
ये नई उड़ान,
मुबारक हो तुम्हें।
अब है जो तेरी पहचान,
मुबारक हो तुम्हें।
बाबुल हो तुम ,
मेरे ह्रदय - गांव की।
रिश्तों की नई पकवान,
मुबारक हो तुम्हेँ,
सृष्टि का हर विधान,
मुबारक हो तुम्हें।
बाबुल हो तुम,
मेरे हृदय - गांव की।
चित्र - गूगल के सौजन्य से।
----कुँवर----
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