मंगलवार, 18 अगस्त 2009

दो शब्द

थका हूँ ,

हारा नहीं |

अकेला हूँ ,

बेसहारा नहीं |

नियति...मानता हूँ ,

लेता... सहारा नहीं |

थका हूँ ,

हारा नहीं |

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कुछ दिनों से .....

दर्द की...........

तलाश थी ........

मिल गयी |

अपनों सी.......

कुछ आश थी ........

मिल गयी |

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4 टिप्‍पणियां:

  1. वाह भई बहुत दिनों के बाद आये आप ...पर एक से एक सुन्दर रचनाओं के साथ...सभी की सभी अच्छी लगी. आभार,.

    जवाब देंहटाएं
  2. थका हूँ ,

    हारा नहीं |

    अकेला हूँ ,

    बेसहारा नहीं |

    नियति...मानता हूँ ,

    लेता... सहारा नहीं |

    थका हूँ ,

    हारा नहीं |


    वाह....!!

    कम शब्दों में शानदार अभिव्यक्ति ......!!

    जवाब देंहटाएं

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